100%+
एक महीने में वेबसाइट पर लाेग कितनी बार अाते हैं
40K
हर महीने मिलने वाला दान (रुपये में)
30%
वेबसाइट के ट्रैफ़िक में वार्षिक बढ़ाेत्तरी
SOS Children's Villages ऐसा स्वतंत्र, गैर-सरकारी, सामाजिक विकास करने वाला संगठन है जो भारत में 1964 से बच्चों की परिवार आधारित देखभाल उपलब्ध करा रहा है. वर्तमान में, देश में 6,600 से ज़्यादा बच्चे और युवा 32 SOS Children's Villages और 27 SOS Youth Facilities में रह रहे हैं.
SOS Children's Villages अपना 'Google ऐड ग्रांट' खाता सेट करने से पहले डिजिटल रूप से मज़बूत संगठन नहीं था. संगठन ने मार्केटिंग से जुड़े लक्ष्यों काे ध्यान में रखते हुए अपने Googles Ads अभियान बनाए. उन्होंने विभिन्न Google Ads टूल का फ़ायदा उठाया और अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए 'Google ऐड ग्रांट' Ad Grants टीम के बताए गए सबसे अच्छे तरीके अपनाएं.
SOS अपने ऐड ग्रांट खाते काे प्रबंधित करने के लिए मुफ़्त Google Ads टूल्स का इस्तेमाल करता है. वे अवसर टैब पर ऑफ़र किए गए सुझावों की समीक्षा करते हैं और उन्हें लागू करते हैं. साथ ही, सीमित संसाधन वाले दूसरे ग्रांट उपयोगकर्ताओं को इस टूल का सुझाव देते हैं. इसके अतिरिक्त, SOS अपने अभियानों में नियमित रूप से अभियान से जुड़े कीवर्ड जोड़ता है. साथ ही, ऐसे विज्ञापन लेख इस्तेमाल करता है जो उनके दर्शकों को अभियान के लक्ष्य से जुड़े प्रमुख संदेश हाइलाइट करे अाैर बढ़िया ट्रैफ़िक SOS वेबसाइट पर लाए.
अपना ऐड ग्रांट खाता लॉन्च करने के बाद, SOS की साइट पर हर महीने अाने वाले लाेगाें की संख्या 3,000 से 8,000 हो गई और संगठन को अपने ऐड ग्रांट विज्ञापनों से एक महीने में औसत 40,000 रुपये के दान मिले. कन्वर्ज़न ट्रैकिंग करने से संगठन को अपने अभियानों के असर काे जाँचने में मदद मिलती है. साथ ही, यह समझने में अासानी हाेती है कि उनके विज्ञापनों पर क्लिक करने के बाद उपयोगकर्ता क्या करते हैं. यह भी पता चलता है कि कौन से अभियान से सबसे ज़्यादा दान अा रहा है. वे इस डेटा का इस्तेमाल यह पक्का करने के लिए करते हैं कि अभियान के लिए आवंटित किया गया उनका दैनिक बजट उनके लक्ष्यों को पूरा करने में उनकी मदद कर रहा है. अंत में, साइटलिंक से SOS को अपनी वेबसाइट के पेजाें का प्रचार करने में मदद मिलती है जो 'दान दें और सहायता करें' पेज पर साइट पर अाने वाले लाेगाें काे ले जाता है.
“ऐड ग्रांट ऐसी संस्थाअाें की मदद करता है जिनके पास संसाधनाें की कमी हाेती है. इससे संस्थाएं सही दर्शकाें तक पहुंच पाती हैं अाैर अपने लक्ष्य पूरे कर पाती हैं”कंचन सेन, व्यक्तिगत साझेदारी, फ़ंड विकास और संचार की प्रमुख, SOS Children’s Villages