700K
हर महीने के इंप्रेशन
30K
रजिस्टर हुए वॉलंटियर की संख्या
30%
'Ad ग्रांट' से साइट पर आने वाला ट्रैफ़िक
Make a Difference (MAD) की स्थापना 2006 में हुई और यह भारत के 23 शहरों में काम करता है. यह संगठन बंगलुरु, भारत से काम करता है. यह अनाथालयों और सड़क किनारे बने आश्रयों में रहने वाले बच्चों की असली हुनर ढूंढने और उनकी क्षमताओं को सामने लाने में मदद करता है. MAD इन बच्चों को रचनात्मक तरीके से सीखाने की जगह देता है. साथ ही, इनकी शिक्षा की क्वालिटी और करियर के मौके बढ़ाने के लिए काम करता है.
MAD की मैनेजिंग डायरेक्टर, ग्लोरिया कहती हैं, "सभी गैर-लाभकारी संस्थाओं के लिए 'Google ऐड ग्रांट' से जुड़ना बहुत ज़रूरी है, खासकर भारत की गैर-लाभकारी संस्थाएं, जो हाल ही में इंटरनेट पर अपनी पहचान बना रही हैं." MAD अपने 'Google ऐड ग्रांट' खाते के ज़रिए ऐसे वॉलंटियर की भर्ती करता है जिनमें जुनून हो और जो संगठन के साथ एक साल तक जुड़े रहने का वादा कर सकें. साथ ही, अपने खाते के ज़रिए MAD जागरूकता फैलाता है, ऑनलाइन दान लेता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने के लिए जगहें ढूंढता है और उनके हिसाब से योजना बनाता है.
'Google ऐड ग्रांट' ने न सिर्फ़ MAD की भारत के 23 शहरों में चल रहे प्रोजेक्ट में मदद की है, लेकिन बाकि देशों में चल रहे काम में भी मदद की है. Google Ads का डेटा बताता है कि किन शहरों और देशों के लोग MAD में सबसे ज़्यादा रुचि लेते हैं. संगठन इस डेटा का इस्तेमाल करके इस बात की पहचान करता है कि उन्हें अगली शाखा कहां खोलनी चाहिए. इसके अलावा, 'Ad ग्रांट' की मदद से वह वॉलंटियर का ऐसा नेटवर्क बना पाते हैं, जो मार्केटिंग के पारंपरिक तरीकों से कभी न बन पाता. संगठन से जुड़े करीब 20% वॉलंटियर Google Ads के ज़रिए जुड़े हैं और इसकी वेबसाइट पर आने वाले कुल ट्रैफ़िक का करीब 30% 'ऐड ग्रांट' के अभियानों की वजह से आता है.
“'ऐड ग्रांट' अंतरराष्ट्रीय दान पाने का बड़ा जरिया है. इसकी मदद से हमें पहले ही पता चल जाता है कि MAD को पैसे जुटाने के लिए अपनी अगली शाखा किस देश में खोलनी चाहिए — इस बात का अंदाज़ा हम उन देशों से आने वाले दान और वहां के लोगों की रुचि से लगाते हैं.”ग्लोरिया बेनी, मैनेजिंग डायरेक्टर, MAD